लाइब्रेरी में जोड़ें

तुलसी की वंदना

*लेखनी काव्य प्रतियोगिता*
*21 फरवरी,2023*
*तुलसी की वंदना*

जय जय जय जय तुलसी माता।
रोग नाशिनी शक्ति विधाता।।
विष्णु प्रिया प्रिय मोहक नारी।
दुनिया से भी ऊपर भारी।।

 हरि के भी ऊपर रहती हैं।
सर्वेश्वरि उत्तम लगती हैं।।
तुलसी चरण जहां भी पड़ता।
पावन धाम वहीं पर बनता।।

तुलसी का हर अंग दवा है।
इनके आगे रोग हवा है।।
जो तुलसी का पौध लगाता।
वह लक्ष्मी वैभव सुख पाता।।

जो इनको सम्मानित करता।
वह दिनकर की भांति चमकता।।
तुलसी जिसके दरवाजे पर।
उसका द्वार गमकता मनहर।।

तुलसी को मत पौधा जानो।
इनको ब्रह्मरूपिणी मानो।।
महा शक्ति की ये द्योतक हैं।
पतिव्रता शुचि की पोषक हैं।।

जो तुलसी का पूजन करता।
साधु संत बन जग में रहता।।
तुलसी जी को गले लगाओ।
अपना जीवन सहज सजाओ।।

साहित्यकार डॉक्टर रामबली मिश्र वाराणसी

   12
3 Comments

Varsha_Upadhyay

22-Feb-2023 06:52 PM

शानदार

Reply

अदिति झा

22-Feb-2023 04:37 PM

Nice

Reply

Abhinav ji

22-Feb-2023 08:10 AM

Very nice 👍

Reply